Captain Vikram Batra biography hindi |
विक्रम बत्रा कौन है?Who’s Vikram batra
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कैप्टन विक्रम बत्रा भारतीय सेना के सिपाही थे जिन्होंने देश के लिए लड़ते हुए कारगिल युद्ध में वीरगति प्राप्त की। विक्रम बत्रा का जन्म 9 सितंबर 1974 को पालमपुर भारत में हुआ था । कैप्टन विक्रम बत्रा को शहीद होने के बाद भारत की सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया है। कैप्टन विक्रम बत्रा को शेरशाह के नाम से भी जाना जाता है।
कैप्टन विक्रम बत्रा का परिवार। Vikram batra family
कैप्टन विक्रम बत्रा का जन्म 9 सितंबर 1974 को पालमपुर में हुआ था । उनके पिता का नाम गिरधारी लाल बत्रा सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल थे और माता श्री का नाम कमल बत्रा जो स्कूल टीचर थी। उनकी दो बड़ी बहने हैं और एक जुड़वा भाई । विक्रम बत्रा के जुड़वा भाई का नाम विशाल बत्रा है जो बिल्कुल विक्रम बत्रा की तरह दिखते हैं ।
Father: Girdhari lal batra
Mother: kamal batra
Brother: Vishal batra
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कैप्टन विक्रम बत्रा को शेरशाह। Vikram batra ko shershah kyu kha jata hai
कैप्टन विक्रम बत्रा को भारत के लोग के साथ-साथ पाकिस्तान की सेना भी शेरशाह के नाम से जानती हैं । कारगिल युद्ध के दौरान विक्रम बत्रा ने अपने शोर्य और पराक्रम का अद्भुत मिसाल दिया था और इसी के कारण दुश्मन सेना में उनका खौफ था । भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल बाई के जोशी ने विक्रम बत्रा को एक कोड नाम दी हुई थी जो था शेरशाह ।
विक्रम बत्रा की शुरुआती जीवन। Vikram batra early life
विक्रम बत्रा का जन्म 9 सितंबर 1974 को पालमपुर हिमाचल प्रदेश में हुआ था । उनके पिता सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक थे और माता सरकारी स्कूल टीचर । विक्रम बत्रा बचपन से अनुशासन में रहें और उन्होंने अपनी स्कूल की पढ़ाई डीएवी पालमपुर से की । वे स्कूल के दिनों में टेबल टेनिस और कराटे में ग्रीन बेल्ट के खिलाड़ी रह चुके थे
विक्रम बत्रा डीएवी कॉलेज से बीएससी बायोलॉजी में स्नातक किये थे। अपने कॉलेज के दिनों में विक्रम बत्रा एनसीसी के एयर विंग में शामिल हो गए और 40 दिनों का प्रशिक्षण भी किया इसके बाद इन्हें एनसीसी में कैप्टन विक्रम बत्रा का रैंक दिया गया । गणतंत्र दिवस 1994 के दिन एनसीसी कैडेट के रूप में विक्रम बत्रा ने परेड में भी भाग लिया । कॉलेज के दौरान उन्हें हांगकांग के शिपिंग कंपनी में मर्चेंट नेवी का काम मिला मगर उन्होंने ठुकरा दिया
आगे की पढ़ाई करने के लिए विक्रम बत्रा चंडीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय में अंग्रेजी से m.a. करने के लिए दाखिला लिया । इसी दौरान उन्होंने सीडीएस की परीक्षा की तैयारी की और इलाहाबाद एसएसपी से चयनित होकर सीडीएस की परीक्षा में सफल हुए । परीक्षा मे सफल होने के बाद इन्होंने कॉलेज छोड़ दि थी और भारतीय सैन्य अकादमी में ट्रेनिंग करने लगे ।
विक्रम बत्रा की गर्लफ्रेंड।Vikram batra girlfriend, Affairs,relationship
चंडीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में M.A करने गये विक्रम बत्रा की मुलाकात डिंपल चीमा से हुई .दोनों एक दूसरे को पसंद आने लगे नजदीकियां बढ़ी और फिर दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगे।दोनों के बीच तय हुआ था की कारगिल युद्ध से लौटने के बाद एक दूसरे से शादी कर लेंगे मगर किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था।आपको बता दे डिंपल चीमा अभी भी अविवाहित है और उन्होंने विक्रम की याद में शादी नहीं करने का फैसला लिया।
विक्रम बत्रा की आर्मी कैरियर। Vikram batra army carrier
(Image credit: Instagram) |
सीडीएस की परीक्षा में सफल होने के बाद 19 महीने की भारतीय सैन्य अकैडमी में ट्रेनिंग करने के बाद विक्रम बत्रा को जम्मू और कश्मीर राइफल्स के 13वीं बटालियन में लेफ्टिनेंट के रूप में नियुक्त किया गया । नियुक्ति के बाद जबलपुर में उन्होंने 1 महीने का प्रशिक्षण लिया और फिर बारामुला जिले के सोपोर में उनकी तैनाती हुई ।
मार्च 1998 में ऑफिसर कोर्स के लिए उन्हें वापस से मध्य प्रदेश भेजा गया । वहां उन्होंने 5 महीने का कोर्स किया और उसके बाद उन्हें अल्फा ग्रेडिंग से सम्मानित किया गया और फिर वापस अपने बटालियन में अपनी जिम्मेदारी को संभालने लगे। इसके बाद जनवरी 1999 में उन्हें बेलगांव कर्नाटक में 2 महीने तक कमांडो फोर्स की ट्रेनिंग के लिए भेजा गया। इस ट्रेनिंग के उपरांत उन्हें इंस्ट्रक्टर ग्रेड के सर्वोच्च ग्रेडिंग से सम्मानित किया गया।
कैप्टन विक्रम बत्रा का कारगिल में वीरता का प्रमाण
1999 में भारतीय सेना ने कभी नहीं भूलने वाले युद्ध लड़ा । कारगिल के युद्ध में भारत के सेना ने अपने शौर्य और पराक्रम का परिचय देते हुए पाकिस्तानी सेना को रौंदा डाला। इस जीत के हीरो बने कैप्टन विक्रम बत्रा ।
प्वाइंट 5140 पर जीत की कहानी
कारगिल के युद्ध में कैप्टन विक्रम बत्रा और उनके टुकड़ी को श्रीनगर दिल्ली रोड के ठीक ऊपर पॉइंट 5140 को पाक सेना से मुक्त करने की जिम्मेदारी मिली । कैप्टन बत्रा अपनी टुकड़ी के साथ पूर्व दिशा की ओर से बेहद दुर्गम रास्ते पर सफर करते हुए दुश्मन के ठिकानों के नजदीक पहुंचकर अपनी टुकड़ी को सीधे आक्रमण करने को बोला । आमने-सामने के इस युद्ध में विक्रम बत्रा ने 4 पाकिस्तानी सैनिकों को मार डाला । 20 जून 1999 को सुबह 3:30 बजे कैप्टन विक्रम बत्रा ने रेडियो पर विजय का संदेश देते हुए कहा यह दिल मांगे मोर। दूसरे दिन सुबह पूरे भारत में विक्रम बत्रा और उनके साथियों की फोटो बिजली की तरह फैल गई और विक्रम बत्रा बन गए इस देश के हीरो ।
पॉइंट 4875 पर जीत की कहानी।
लेकिन युद्ध यहीं समाप्त नहीं हुआ प्वाइंट 5140 पर जीत दिलवाने के बाद कैप्टन विक्रम बत्रा और उनके टुकड़ी को बेहद दुर्गम पॉइंट 4875 पर दुश्मनों का सफाया करने की जिम्मेदारी मिली । बिना किसी डर और झिझक के कैप्टन बत्रा और उनकी टीम उस दुर्गम रास्ते पर फतेह करने निकल पड़े चोटी इतना कठिन था की चढ़ने के लिए मात्र एक रास्ता था और दोनों तरफ खड़ी ढलान थी । जो एकमात्र रास्ता बचा हुआ था उस पर पाकिस्तान के सैनिकों भारी मात्रा में मौजूद थे। यह ऑपरेशन भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण था और इस बात की गंभीरता को समझते हुए विक्रम बत्रा ने एक बेहद पतली पत्थरों के मदद से पाकिस्तानी सेना पर हमले का निर्णय लिया। आमने सामने की चली इस लड़ाई में कैप्टन बत्रा ने दर्जनों पाकिस्तानी सैनिकों को मौत के घाट उतार दी। अपने जवानों की रक्षा करते हुए कैप्टन बत्रा जोखिम हो गए मगर फिर भी वे पाकिस्तानी सैनिकों को मारते हुए जीत की तरफ आगे बढ़ रहे थे । इसी बीच लेफ्टिनेंट अनुज नय्यर को बचाते हुए विक्रम बत्रा को गोली लगी और वे शहीद हो गए । यह तारीख था 7 जुलाई 1999 जिस दिन भारत के दैनिक पुत्र विक्रम बत्रा देश के नाम वीरगति को प्राप्त हुए । उनके साथियों ने यह देख कर गुस्से में पाकिस्तान की सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया और सबसे दुर्गम छोटी 4875 पर भारतीय सैनिकों ने कब्जा कर लिया ।
कैप्टन विक्रम बत्रा को मिले पुरुस्कार और उपलब्धियाँ। Vikram batra awards and Achievements
कैप्टन विक्रम बत्रा के पराक्रम हो देखते हुए और कारगिल के युद्ध में उनके योगदान को मध्यनजर रखते हुए मरणोपरांत भारत सरकार ने उन्हें सबसे उच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित किया ।
विक्रम बत्रा के जुमले। Vikram batra dialogue
ये दिल मांगे मोर
या तो मैं लहराते तिरंगे के पीछे आऊंगा या तिरंगे में लिपटा हुआ आऊंगा पर मैं आऊंगा जरूर
हमारी चिंता मत करो अपने लिए प्रार्थना करो
शेरशाह फिल्म कास्ट,रिलीज़ डेट।Shershah movie cast released
Shershah movie cast
Captain Vikram Batra – Actor Siddharth Malhotra
Dimple Chima – Actress Kiara Advani (Vikram gf)
दोस्तों कुछ गिने चुने स्वतंत्रता सेनानी को जान लेना और वो भी केवल 15 अगस्त और 26 जनवरी जैसे दिनो को याद करना यही भारत की नई पीढ़ी के लिए देशभक्ति का नया परिभाषा बनते जा रहा है । इसे बदलने की जरूरत है और हम सबको को यह जाने की जरूरत है कि हमारे देश के लिए मर मिटने वाले कौन थे और उन्होंने हमारे देश के लिए क्या किया । कैप्टन विक्रम बत्रा की याद में अमेजॉन प्राइम वीडियो पर विष्णु वरदान के द्वारा डायरेक्ट फिल्म शेरशाह 12 अगस्त को रिलीज होने जा रही है। इस फिल्म में कैप्टन विक्रम बत्रा की पूरी की साहस भरी जीवन को दिखाया गया है।