Internet ke bare me jankari in hindi
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आधुनिक समय में इंटरनेट पूरी दुनिया में एक बहुत ही शक्तिशाली और रोचक माध्यम के रूप में बदल रहा है। हम इंटरनेट का उपयोग कई तरह से करते हैं, जैसे मैसेजिंग, ईमेल, ऑनलाइन वीडियो कॉल, ऑडियो कॉल, फाइल ट्रांसफर के अलावा world wide web के माध्यम से हम अपनी जरूरत के वेब पेज खोलते हैं। इंटरनेट का इस्तेमाल कई जगहो पर किया जाता है इंटरनेट का इस्तेमाल बैंकों, स्कूलों, कॉलेजों, रेलवे स्टेशनों, प्रशिक्षण केंद्रों, दुकानों, हवाई अड्डों, रेस्तरां और कार्यस्थलों पर किया जाता है। इंटरनेट के हमारे जीवन में आने के बाद से हमारे जीवन में काफी बदलाव आया है। कुछ सकारात्मक और कुछ नकारात्मक भी।
इंटरनेट क्या है?
इंटरनेट एक विशाल नेटवर्क है जो दुनिया भर के कंप्यूटर को जोड़ता है । विश्व भर के कंप्यूटरों के बीच सूचना एवं संचार के माध्यम को इंटरनेट कहते हैं ।
इंटरनेट कैसे काम करता है?
आज की आधुनिक दुनिया में लगभग हर व्यक्ति के पास मोबाइल लैपटॉप, यह कंप्यूटर है। आज स्थिति यह है कि भारत का सबसे अमीर व्यक्ति हो या गरीब, हर कोई प्रतिदिन दो से तीन जीबी इंटरनेट डेटा का उपयोग करता है। भारत दुनिया का सबसे सस्ता इंटरनेट प्रदाता बन गया है। हम हर दिन इंटरनेट का उपयोग करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंटरनेट कैसे काम करता है?
दोस्तों हम प्रतिदिन इंटरनेट का उपयोग करते हैं, यह आप्टिकल फाइबर केबल के माध्यम से हम तक पहुंचता है।
अब आपके मन में आया होगा –
Optical fibre cable क्या है ?
ऑप्टिकल फाइबर केबल एकमात्र नेटवर्क है जिसमें एक इंसुलेटेड केबल के अंदर ग्लास फाइबर तार होते हैं। इसे लंबी दूरी की अच्छी इंटरनेट स्पीड और टेलीकम्युनिकेशन के लिए डिजाइन किया गया है।
इंटरनेट का इस्तेमाल पूरी दुनिया में लोग करते हैं, आप क्या सोच रहे हैं कि पूरी दुनिया में तार कैसे बिछाए जा सकते हैं।
इंटरनेट क्रांति
जैसा कि आप जानते हैं कि ऑप्टिकल फाइबर केबल के जरिए आपके घर तक इंटरनेट पहुंचाया जाता है। इसे दुनिया की अलग-अलग कंपनियां हैंडल करती हैं और सभी कंपनियों के काम करने का तरीका अलग होता है।
ऑप्टिकल फाइबर को पूरी दुनिया में समुद्र में रखा गया है और इन फाइबर की मदद से दुनिया के हर देश के लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर पाते हैं। जी हां, आपने सही सुना, समुद्र के अंदर ऑप्टिकल फाइबर केबल का नेटवर्क होता है।
टेलीकॉम कंपनियां इस नेटवर्क से हमारे मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप, वाईफाई को इंटरनेट मुहैया कराने का काम करती हैं। Jio, Idea, Airtel जैसी कंपनियां टेलीकॉम सेक्टर के अंतर्गत आती हैं। वे हमारे कंप्यूटर और समुद्र में रखे ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के बीच संबंध स्थापित करते हैं।
इंटरनेट के इंटरैक्शन
हमारी दिनचर्या में अहम भूमिका निभाने वाले इंटरनेट के कई फायदे हैं। कोरोना की गिनती के दौरान पूरी दुनिया इंटरनेट के सहारे वर्क फ्रॉम होम कर रही थी। चाहे अपने दोस्तों, रिश्तेदारों, परिवार के सदस्यों से बात करना आसान हो या सरकारी काम, हर तरह के सामने इंटरनेट का महत्वपूर्ण योगदान है।
इंटरनेट के कुछ महत्वपूर्ण लाभ हैं –
आप घर बैठे टिकट बुकिंग ऑनलाइन भुगतान जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।
व्हाट्सएप फेसबुक इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया की मदद से आप घर बैठे अपने दोस्तों और परिवार के साथ व्यक्त कर सकते हैं।
किसी भी तरह की समस्या क्यों न इंटरनेट उसकी स्थिति का पता लगा सके।
इंटरनेट पर यूट्यूब वीडियो मूवी के उबाऊ समय में हम अपना और अपने परिवार का मनोरंजन कर सकते हैं।
इंटरनेट की मदद से हम घर बैठे हजारों तरीकों से आसानी से पैसे कमा सकते हैं।
इंटरनेट के नुक्सान
इंटरनेट हमारे काम की दिनचर्या का अहम हिस्सा बन गया है। हम इस बात से कतई इंकार नहीं कर सकते कि इंटरनेट कैसे फायदेमंद है। इंटरनेट महिलाओं की दुनिया में जमीन और आसमान के बीच का अंतर है। अगर 10 फायदे हैं तो 5 नुकसान भी हैं। जब इंटरनेट नहीं था, लोग अपने परिवार के साथ समय बिताते थे, बच्चे क्रिकेट, फुटबॉल जैसे खेल खेलते थे और समाज में सर्वश्रेष्ठ दिखने के लिए आपस में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं थी।
इंटरनेट के कुछ नुकसान –
अत्यधिक इंटरनेट का उपयोग समय की पूरी बर्बादी है।
इंटरनेट की वजह से लोग परिवार के साथ कम और मोबाइल नेटवर्क के साथ ज्यादा समय बिताते हैं।
इंटरनेट के आने के बाद साइबर क्राइम बहुत तेजी से बढ़ा है।
इंटरनेट का जितना ज्यादा इस्तेमाल होता है, वह शारीरिक सेहत के लिए उतना ही हानिकारक होता है।
सबसे बड़ा नुकसान इंटरनेट का दुरुपयोग जैसे बच्चों की अश्लील चीजें देखना और गलत धारणा बनाना है।
इंटरनेट कैसे करें
सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक घर के ज्यादातर काम आप इंटरनेट की मदद से कर सकते हैं। इंटरनेट कितना आम हो गया है, इससे उन लोगों के जीवन को काफी राहत मिली है। घर बैठे एक बटन दबाकर लोग बिना भागे हजारों समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।
इंटरनेट का उपयोग अधिक है, यह इस बात का प्रमाण है कि आज के समय में गरीब से गरीब व्यक्ति भी प्रतिदिन 2GB डेटा का उपयोग करता है।
- मनोरंजन
- ऑनलाइन भुगतान
- समाचार मोबाइल बिजली फोन रिचार्ज
- टीवी रिचार्ज
- ऑनलाइन सीखने
- विषयवस्तु का व्यापार
- अंकीय क्रय विक्रय
- व्यवसाय प्रबंधन
- ऑनलाइन अध्ययन
ऐसी हजारों चीजें हैं जिन्हें लोग इंटरनेट की मदद से पूरा कर रहे हैं।
इंटरनेट का इतिहास
1957 के युद्ध के दौरान अमेरिका ने ऐसी तकनीक का आविष्कार किया, जिसकी मदद से आप दूसरे कंप्यूटर को आसानी से कंप्यूटर से जोड़ सकते हैं। इस तकनीक पर विशेषज्ञों द्वारा लगातार काम करने के बाद 1980 में इसे इंटरनेट का नाम दिया गया। शुरुआत में केवल अमेरिकी रक्षा एजेंसी ही इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकती थी।
1989 में, अंग्रेजी वैज्ञानिक टीम बर्नर्स ली ने वर्ल्ड वाइड वेब की खोज की। इस तकनीक के आने से पूरी दुनिया में इंटरनेट का उपयोग करना बहुत आसान हो गया है। फिलहाल हम इंटरनेट को वर्ल्ड वाइड वेब की मदद से चलाते हैं।
वेब ब्राउजर क्या हो?
वेब ब्राउजर एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जिसकी मदद से उपयोगकर्ता इंटरनेट तक पहुंच सकते हैं और इंटरनेट से जानकारी एकत्र कर सकते हैं।
ब्राउज़र का आविष्कार वर्ल्ड वाइड वेब के खोजकर्ता टीम बर्नर्स ली ने किया था। वेब ब्राउज़र HTML भाषा को समझता है और उसे नियंत्रित करता है। वेब ब्राउजर का काम इंटरनेट की भाषा को बोलचाल की भाषा में लोगों को दिखाना है।
इंटरनेट के बारे में रोचक तथ्य
इंटरनेट मुख्यत 3 प्रकार के होते हैं।
Surface Internet
Deep Web
Dark Web
हम जिस इंटरनेट का उपयोग करते हैं वह surface internet है, जिसे कोई भी Google, Firefox , Yahoo या Bing जैसे वेब ब्राउज़र की सहायता से आसानी से एक्सेस कर सकता है।
Deep web और Dark web इंटरनेट का वह हिस्सा है जिसे लोग आसानी से इस्तेमाल नहीं कर सकते।
Deep web इंटरनेट का वह हिस्सा है जिसे Google नियंत्रित नहीं कर सकता है। डीप वेब की वेबसाइट में निजी जानकारी होती है जिसे सामान्य इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लिए एक्सेस करना मुश्किल होता है। डीप वेब की वेबसाइट का इस्तेमाल करने के लिए आपके पास उसका लिंक और पासवर्ड होना बहुत जरूरी है। मुख्य रूप से डीप वेब वेबसाइट का उपयोग केवल वही लोग कर सकते हैं जिन्हें वेबसाइट के मालिक द्वारा अनुमति दी गई हो।
डार्क वेब इंटरनेट का वह काला हिस्सा जहां लोग जाने से कतराते हैं। इंटरनेट के इस हिस्से में कुछ भी हो सकता है। इसे गैरकानूनी काम कहें या बेहद खौफनाक सीन, डार्क वेब इन सब चीजों का गढ़ है।
एक कहानी सुनाता हूँ –
डार्क वेब एक ऐसी वेबसाइट है जहां लोग मानव चमड़े से बने सामान को खरीदते और बोली लगाते हैं।
मुझे पता है कि आपका दिल टूट गया होगा लेकिन यह सच है। डार्क वेब पर न तो सरकार और न ही Google का कोई नियंत्रण है। अगर आप इंटरनेट के इस खतरनाक हिस्से के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो आपको यह लेख अवश्य पढ़ना चाहिए।
डार्क वेब का काला सच-knowledgefolk.in
इस लेख में आप जानेंगे कि डार्क वेब कैसे काम करता है और इसके बारे में रोचक कहानियाँ और तथ्य। अगर आप इस बात को जानने के इच्छुक हैं तो इस लेख को एक बार जरूर पढ़ें, यह आपको डार्क वेब की सच्चाई और इंटरनेट के बारे में बहुत कुछ बताएगा।
डार्क वेब का काला सच
FAQ – Internet
पहली इंटरनेट वेबसाइट कौन सी थी?
इंटरनेट की पहली वेबसाइट टीम बर्नर्स ली ने बनाई थी। वर्ल्ड वाइड वेब के प्रोजेक्ट की जानकारी इस वेबसाइट पर उपलब्ध है।
इंटरनेट कितने प्रकार के होते हैं?
इंटरनेट तीन प्रकार का होता है – Internet , Intranet , Extranet
इंटरनेट का मालिक कौन है?
इंटरनेट किसी व्यक्ति विशेष का नहीं है, यह सार्वजनिक है।
भारत में इंटरनेट कब आया?
Internet speed test कैसे करे ?
इंटरनेट का सर्वप्रथम प्रयोग कब किया गया था ?
इंटरनेट का इस्तेमाल सबसे पहले 29 अक्टूबर 1969 को किया गया था।