आचार्य चाणक्य कहते है की दुश्मन पर जीत हासिल करने का अचूक उपाय..
जिसमें न किसी हथियार की जरूरत है न ही सहयोगियों की आप अकेले ही खुश रहकर..
विरोधियों को ऐसा दर्द देंगे दे सकते है की सीधे उसके कलेजे पर वार करेगा..
पहला:
आचार्य चाणक्य के अनुसार दुश्मन कितना ही ताकतवर क्यों न हो अगर वो....
आपको पीड़ा दे रहा है, तो आपको बस उसके सामने खुश रहना है...
चाणक्य कहते है की दुश्मन के लिए ये बेहद कड़ी सजा होती है....
दूसरा:
चाणक्य के अनुसार विरोधी अपनी दुश्मनी निकालने के लिए सदा व्यक्ति को तकलीफ में देखना चाहता है लेकिन..
अगर आप उसके सामने हर परिस्थिति में खुश रह कर दिखते है तो ये उसके मुंह पर करारा तमाचा रहेगा..
तीसरा:
चाणक्य निति के अनुसार हम सब के जीवन कई बार ऐसा मौका आता है जब कोई अपना धोखा देता है, ऐसे हालात में...
व्यक्ति अपने होने की वजह से बेबस हो जाता है और करीबियों को सजा नहीं दे पाते ऐसे में...
बदला लेने का एक अच्छा तरीका वो है आपको बेहद खुश रहना है,अगर ऐसा कर पाते है तो आप उसे जिंदगी भर सजा दे सकते हैं.