स्वामी जी जब 7 वर्ष के थे तभी इनके पिता का देहांत हो गया था, महज 9 वर्ष की उम्र में ये घर छोड़कर धर्म यात्रा के लिए निकल पड़े थे..
स्वामी जी ने लगभग 1942 में अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया था..
स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का कहना था कि साई बाबा एक मुस्लिम फ़क़ीर थे और उनकी पूजा मंदिरों में नहीं होनी चाहिए।।
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने श्री राम जन्म भूमि के लिए आंदोलन शुरू किया था...
शंकराचार्य श्री स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती सिर्फ 19 वर्ष के थे, तब भारत को ब्रिटिश राज के मुक्त कराने की लड़ाई चल रही थी
स्वामी जी पर 1942 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सत्याग्रही छात्रों के साथ रक्षार्थ योजना बनाकर तार काटने के अभियोग में वाराणसी में 9 महीने की जेल की सजा हुई थी...
शंकराचार्य श्री स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी दो मठों (द्वारका एवं ज्योतिर्मठ) के शंकराचार्य थे, शंकराचार्य का पद सबसे बड़ा सनातनी धर्मगुरु का पद रहा..
शारदा पीठ शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती से दण्ड-सन्यास की दीक्षा ली और स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती नाम से जाने जाने लगे...
शंकराचार्य श्री स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जन्म 2 सितम्बर 1924 में मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के दिघोरी गांव में हुआ था..
ब्राम्हण कुल में जन्मे स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के पिता का नाम श्री धनपति और माता श्रीमती गिरिजा देवी थीं...