Home festival जानिए बुद्ध पुर्णिमा का धार्मिक महत्व, शुभ मुर्हत और पूजन विधि | Buddha Purnima 2022

जानिए बुद्ध पुर्णिमा का धार्मिक महत्व, शुभ मुर्हत और पूजन विधि | Buddha Purnima 2022

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जानिए बुद्ध पुर्णिमा का धार्मिक महत्व, शुभ मुर्हत और पूजन विधि | Buddha Purnima 2022
Buddha Purnima 2022

आज के इस पोस्ट मे आप बुद्ध पूर्णिमा के बारे में विस्तार से जानने वाले है। भारत सदियों से त्योहारों का देश माना जाता रहा है। हमारे देश में दुनिया का सबसे ज्यादा धर्म है। इस देश के नागरिकों में सबसे अच्छी बात एकता है। जो सैकड़ों वर्षों से देश का गौरव बना हुआ है। भारत ही एक ऐसा देश है जहां देवी ,देवताओं के कई अवतार आए। इतना ही नहीं इस देश की धरती पर सैकड़ों महान् व्यक्ति का जन्म हुआ। उनमें से एक महान व्यक्ति थे गौतम बुद्ध। जिसका जन्म, ज्ञान की प्राप्त और महापरिनिर्वाण वैशाख पूर्णिमा के दिन ही हुआ था। बुद्ध पूर्णिमा भगवान महात्मा बुद्ध की याद में पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है बता दें कि देश में कई धर्मों के अधिकांश लोग हैं जो बुद्ध पूर्णिमा का महत्व, गौतम बुद्ध कौन थे,बुद्ध पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है, बुद्ध पूर्णिमा का इतिहास, बुद्ध पूर्णिमा कब है, बुद्ध पूर्णिमा कैसे मनाई जाती है, क्या है बुद्ध पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा पर क्या नहीं करनी चाहिए जैसी बेहद महत्वपूर्ण जानकारी से कोसों दूर हैं।

 

 

 

 

गौतम बुद्ध कौन थे ? | Who was Gautam Buddha ?

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गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में कपिलवस्तु के राजा शुद्धोदन के यहाँ हुआ था। इनकी माता का नाम महामाया था। महात्मा बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था। वे बचपन से ही बहुत दयालु और गंभीर के रहे। उम्र बढ़ने के बाद भी उनके स्वभाव में जरा भी बदलाव नहीं आया था।  गौतम बुद्ध का विवाह उनके पिता राजा शुद्धोदन ने एक बहुत ही सुंदर कन्या यशोधरा से करवा दिया था। यशोधरा का एक पुत्र हुआ जिसका प्यारा नाम राहुल रखा था। पारिवारिक जीवन से मुक्ति पाने के लिए गौतम बुद्ध अधिकांश समय जंगल या घर से दूर रहते थे।अंत में वे बिहार के गया नामक स्थान पर गए और वृक्ष के नीचे तपस्या करने लगे महीनों की कठोर तपस्या के बाद ज्ञान की प्राप्ति हुई बाद में वह वृक्ष बोधिवृक्ष के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

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बुद्ध पुर्णिमा क्या है ? | Buddha Purnima 2022

बुद्ध पूर्णिमा 2022 को पूरे विश्व में महात्मा बुद्ध की याद में बुद्ध जयंती के रूप में बड़े रीति-रिवाजों और धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे बड़ा माना जाता है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध के जीवन की तीन सबसे महत्वपूर्ण घटनाएं घटीं बुद्ध पूर्णिमा के दिन गौतम बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण हुआ। सैकड़ों वर्षों से यह पर्व पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता रहा है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह वैशाख (अप्रैल या मई) के महीने में मनाया जाता है। इस शुभ दिन पर देश में कई तरह के समारोह भी आयोजित किए जाते हैं। बुद्ध पूर्णिमा पर लोग परिवार के लिए अपने घरों में दीपक, फूल और रंगोली बनाते हैं और सभी मिलकर त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।

 

 

 

बुद्ध पुर्णिमा क्यों मनाया जाता है ?

भगवान बुद्ध का जन्म हिंदू कैलेंडर के अनुसार वैशाख माह की पूर्णिमा के दिन हुआ था। इसी कारण पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध को कठोर तपस्या से ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। वे इस धरती पर पहले ऐसे महापुरुष थे जिनका जन्म, ज्ञान और महापरिनिर्वाण एक ही दिन वैशाख पूर्णिमा जैसे शुभ दिन पर हुआ था।

 

 

 

 

बुद्ध पुर्णिमा कैसे बनाया जाता है ?

  • मान्यता के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा के दिन दान-पुण्य करना चाहिए ऐसा करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होगी।
  • इस दिन घर या मंदिर में दीपक जलाकर भगवान विष्णु की पूजा करने से परिवार में सुख की वृद्धि होती है।
  • बुद्ध पूर्णिमा पर गरीबों को पानी के बर्तन, मिठाई, भोजन, कपड़े जैसी चीजें दान करने से कष्ट दूर रहेंगे।
  • बुद्ध पूर्णिमा के शुभ दिन पर अपने घरों को दीपों और फूलों से सजाएं।
  • इस दिन अपने घरों में कुमकुम, रोड़ी या हल्दी से स्वस्तिक बनाएं और घरों में गंगाजल जरुर छिड़कें।

 

 

 

बुद्ध पुर्णिमा कब मनाया जाता है ?

भगवान बुद्ध का जन्म, ज्ञान और महापरिनिर्वाण तीनों वैशाख पूर्णिमा के दिन हुआ था। तब से पूरे विश्व में बुद्ध पूर्णिमा को बड़े ही रीति-रिवाजों और धूमधाम से मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा वैशाख माह की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है ग्रेगोरियन कैलेंडर की बात करें तो बुद्ध पूर्णिमा हर साल अप्रैल या मई के महीने में मनाई जाती है साल 2022 में बुद्ध पूर्णिमा 16 मई को मनाई जाएगी।

 

 

 

बुद्ध पूर्णिमा का महत्व

बुद्ध पूर्णिमा के दिन बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे 49 दिनों की कठोर तपस्या करने के बाद भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इतना ही नहीं इस दिन जन्म और महापरिनिर्वाण भी हुआ था। हिंदी मान्यताओं के अनुसार भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु के नौवें अवतार के रूप में भी जाना जाता है।

 

 

 

बुद्ध पूर्णिमा के दिन क्या नहीं करना चाहिए

बुद्ध पूर्णिमा को दुनिया भर के लोग भगवान बुद्ध की जयंती के रूप में बड़े रिति रिवाज और धूम धाम के साथ मनाते हैं। इस शुभ दिन पर हमे कई ऐसे काम हैं जो नहीं करने चाहिए।

  • बुद्ध पूर्णिमा पर हमें किसी से नहीं लड़ना चाहिए।
  • इस दिन मांस नहीं खाना चाहिए।
  • इस शुभ दिन पर झूठ नहीं बोलना चाहिए और ना ही किसी से अपशब्द  बोलना चाहिए।

 

 

 

 

बुद्ध पूर्णिमा के दिन क्या करना चाहिए ?

  • बुध पुर्णिमा जैसे शुभ दिन पर कई ऐसे काम करना जो शुभ माना जाता है।
  • बुद्ध पूर्णिमा के दिन हमें घरों को साफ सफाई करके गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।
  • इस दिन हमें अपने घरों को दीपक, लाइट और फूलों से सजाना चाहिए।
  • इस शुभ दिन को हमें भगवान विष्णु की प्रतिमा के पास दीपक जलाकर पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
  • इस दिन को भोजन,मिठाई और कपड़े गरीबों में जरूर दान करनी चाहिए।
  • हमें इस दिन को घरों में हल्दी या कुमकुम से स्वास्तिक जरूर बनाना चाहिए।

 

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