आज का ये पोस्ट देश महान व्यक्ति, समाज सुधारक रासबिहारी बोस के जीवन,जयंती के बारे में विस्तार से होने वाली है। अगर आप इस महान देश भक्त रासबिहारी बोस की जीवनी,परिवार,जयंती,कार्य,करियर,और जीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण बातें जनाना चाहते हैं तो इस पोस्ट के अंत तक बने रहे।
कौन है रासबिहारी बोस ? | Who is Rash Behari Bose ?
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रासबिहारी बोस देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। जिन्होंने आजाद हिंद फौज और इंडियन इंडिपेंडेंस लीग फौज के गठन में अहम भूमिका निभाई। उनका जन्म 25 मई 1986 को पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले में हुआ था। वे बचपन से ही क्रांतिकारी संगठन के सदस्य रहे थे। उन्होंने अंग्रेजों को भारत से बाहर निकालने के लिए वायसराय लॉर्ड हार्डिंग पर बम से खुलेआम हमला किया।
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Rash Behari Bose biography, wife
रास बिहारी बोस का जन्म 25 मई 1986 को पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले में स्थित एक छोटे से गाँव सुबालदह में हुआ था। उनके पिता का नाम विनोद बिहारी बोस था जो एक शिक्षक थे। जब वह महज 3 साल के थे तब उनकी मां का निधन हो गया था।
जिसके बाद उनके पालन-पोषण की जिम्मेदारी उनके मामी के कंधों पर आ गई। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा चंदननगर से पूरी की। आगे जर्मनी में रहते हुए उन्होंने इंजीनियरिंग और चिकित्सा विज्ञान में डिग्री हासिल की।
वे बचपन से ही क्रांतिकारी स्वभाव के थे। वह बचपन से अन्याय बर्दाश्त नहीं कर करते उन्हें अपने स्कूल के दिनों में शिक्षक चार चंद से क्रांतिकारी प्रेरणा मिली थी। तभी से वह समाज और देश के लिए मरने को तैयार थे। उन्होंने 1916 के बाद जापान में रहने लगे थे। उस दौरान उन्होंने सोमा आइज़ो नाम की एक जापानी लड़की से शादी कर लिये थे।
रासबिहारी बोस बचपन से ही अंग्रेजों को देश से भगाने के हथकंडे ढूढ़ते थे। रासबिहारी बोस अरबिंदो घोष और जतिन बनर्जी जैसे महान सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर देश को आजाद कराने की रणनीति तैयार करते थे।
1950 में बंगाल के विभाजन के बाद वे अंग्रेजों को देश से बाहर निकालने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार थे। जिसके बाद उन्होंने घातक क्रांतिकारी नेता बनकर अंग्रेजों को जवाब देना शुरू किया। उस दौरान उन्होंने कई महान क्रांतिकारी नेताओं से मुलाकात की और उनसे मार्गदर्शन भी लिया।
रासबिहारी बोस ने 23 दिसंबर 1972 को दिल्ली में एक परेड के दौरान में बम फेंककर अंग्रेज जनरल लॉर्ड हार्डिंग को मारने की कोशिश किया था।
1912 में बम घटना के बाद बनारस जाकर गदर पार्टी की मदद से एक क्रांतिकारी पार्टी का गठन किया।
सन 1915 के बाद वह जापान में रहने लगे और वहीं से सेना गठन करने का फैसला किया।
1942 के दौरान सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज का गठन किया। जिसकी क्रांतिकारी परिषद को अध्यक्ष रास बिहारी बोस बनाया गया हालांकि उन्होंने कुछ समय बाद बोस को ये कमान सौंप दिया था।
उन्होंने इंडियन इंडिपेंडेंस लीग की स्थापना मे भी अपना अहम योगदान दिया था।
साल 1942 में सैन्य शाखा के रूप में आजाद हिंद फौज की स्थापना भी किये थे।
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रासबिहारी बोस की मृत्यु | Rash Behari Bose death anniversary
रासबिहारी बोस ने अंग्रेजों को भारत से बाहर निकालने के लिए कई बलिदान दिए जिन्हें देश का हर व्यक्ति कभी नहीं भूल पाएगा। देश के महान स्वतंत्रता सेनानी रास बिहारी बोस ने 21 जनवरी 1945 को दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके जाने के बाद जापान के सरकार ने उन्हें ऑर्डर ऑफ द राइजिंग सन से सम्मानित किया।
रासबिहारी बोस की जयंती | Rash Behari Bose birthdate
रासबिहारी बोस ने अपना पूरा जीवन अंग्रेजों को देश से बाहर निकालने में लगा दिया। उनका बलिदान हम पर कर्ज के समान है। हमें उनके काम को हमेशा याद रखना चाहिए। इतना ही नहीं उनके बताए रास्ते पर चलकर हमें भी देश और समाज को बेहतर बनाने मे मदद करना चाहिए। 25 मई को रासबिहारी बोस जयंती के रूप में मनाकर पूरा देश इस महान क्रांतिकारी, देशभक्त को याद करता है।
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